छत्तीसगढ़ के 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने पहली बार 29 से अधिक आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया है। इन अधिकारियों पर एक सिंडिकेट के साथ मिलकर करोड़ों की अवैध शराब बेचने और कमीशन वसूलने का आरोप है।
EOW की जांच में पता चला कि इन अधिकारियों को हर शराब की पेटी पर ₹150 का कमीशन मिलता था, जिसे जमीन, मकान और व्यवसाय में लगाया गया था। जांच पूरी होने के बाद, 5 जुलाई को विशेष अदालत (ACB-EOW) में पांचवीं चार्जशीट पेश की जाएगी। आरोपियों को सुबह 11 बजे अदालत में पेश होने के लिए नोटिस भेजा गया है। नोटिस मिलने के बाद कई अधिकारी फरार हो गए हैं या उन्होंने मोबाइल बंद कर दिए हैं। जनार्दन कौरव को सिंडिकेट का मुख्य समन्वयक बताया गया है, जो विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी का करीबी था। वह तबादलों, पोस्टिंग से लेकर अवैध शराब की आपूर्ति तक सब कुछ देखता था।
यह घोटाला 2019 से 2023 तक चला और 60 लाख पेटी अवैध शराब की बिक्री से 2,174.60 करोड़ रुपये कमाए गए। अधिकारियों ने आपूर्तिकर्ताओं से 319 करोड़ रुपये वसूले। चार्जशीट में विकास गोस्वामी, नीतू नोतानी, दिनकर वासनिक, रविश तिवारी सहित कई नाम शामिल हैं। 16 अधिकारी अभी भी सेवा में हैं, जबकि 12 सेवानिवृत्त हो चुके हैं। EOW ने कहा कि गिरफ्तारी केवल अदालत के आदेश पर ही होगी, और जो पेश नहीं होंगे उनके खिलाफ वारंट जारी किए जाएंगे।