मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार की सुशासन नीति के तहत, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग में महत्वपूर्ण फेरबदल किए गए हैं। यह कदम सभी सरकारी विभागों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और लोक सेवा वितरण को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखता है। हालिया तबादले, जो कई वर्षों में सबसे बड़े हैं, पिछले कुछ वर्षों में विभाग में हुए सीमित बदलावों से बिल्कुल अलग हैं। कई अधिकारी और कर्मचारी लंबे समय से एक ही पदों पर तैनात थे, कुछ तो 18 साल तक एक ही जगह पर रहे। इससे कर संग्रह की निष्पक्षता पर असर पड़ रहा था। इन तबादलों में बड़ी संख्या में अधिकारियों, जिनमें राज्य कर उपायुक्त और निरीक्षक शामिल हैं, को नई तैनाती दी गई। कई अधिकारी वर्षों से एक ही स्थानों पर सेवा दे रहे थे। सरकार ने विभागीय कार्यालयों के वितरण में असमानता को भी दूर किया है। पहले, विभाग के कई सर्किल थे, लेकिन कार्यालय कुछ ही जिलों में सीमित थे। अब, पहले से सेवा से वंचित जिलों में नए कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे राज्य भर में विभाग की उपस्थिति सुनिश्चित होगी। इस सुधार का लक्ष्य कर प्रशासन का विकेंद्रीकरण और राजस्व संग्रह को मजबूत करना है। विभाग ने दक्षता बढ़ाने के लिए बीआईयू और ऑडिट यूनिट का भी गठन किया है। तबादलों को लागू करते समय, सरकार ने मानवीय पहलू का ध्यान रखा है। प्रशासन ने दंपतियों को एक ही जिले में समायोजित करने और महिला अधिकारियों को यथासंभव निकटवर्ती स्थानों पर नियुक्त करने का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एक ईमानदार, पारदर्शी और समर्पित कार्य संस्कृति को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखेगी।
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