आचार्य श्री 108 विद्यानंद जी महाराज की जन्म शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘धर्म चक्रवर्ती’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ने विनम्रता व्यक्त करते हुए इस उपाधि को ‘प्रसाद’ के रूप में स्वीकार किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट द्वारा आयोजित समारोह, आध्यात्मिक नेता को एक वर्ष तक चलने वाली श्रद्धांजलि का शुभारंभ करता है। इस कार्यक्रम में 28 जून 1987 के महत्व को भी मान्यता दी गई, जब आचार्य विद्यानंद मुनिराज को यह उपाधि मिली थी, जो जैन संस्कृति के मूल्यों को मजबूत करती है। पीएम मोदी ने स्मारक डाक टिकटों के अनावरण में भी भाग लिया। उन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर जोर दिया, जो इसके शाश्वत विचारों और इसके ऋषियों और संतों के योगदान से उपजी है। शताब्दी वर्ष में पूरे देश में सांस्कृतिक, शैक्षिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल होंगे, जो सामुदायिक भागीदारी, युवा जुड़ाव और जैन विरासत के संवर्धन पर केंद्रित होंगे। इन पहलों का उद्देश्य आचार्य विद्यानंद जी महाराज की शिक्षाओं को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना है।
Trending
- काजोल ट्रोलिंग का शिकार, ड्रेस को लेकर हुईं आलोचना का शिकार, मिनी माथुर ने लगाई फटकार
- सौरव गांगुली को मिली हेड कोच की जिम्मेदारी
- चेक डैम टूटने से किसानों को भारी नुकसान, फसलें तबाह
- हिमाचल सरकार की पहल से शिपकी-ला व्यापार मार्ग पुनः आरंभ होने की उम्मीद
- फ्लोरिडा ट्रक हादसा: हरजिंदर सिंह के परिवार ने मांगी माफी, गांव ने भी समर्थन किया
- वॉर 2 की असफलता: जूनियर एनटीआर ने ठुकराया YRF का अगला प्रोजेक्ट?
- बिहार में हीरो एशिया कप के लिए जापान हॉकी टीम का आगमन
- तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के बीच मज़ाकिया बातचीत: चिराग पासवान को शादी की सलाह