केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1975 में लगाए गए आपातकाल को ‘अन्याय का युग’ बताया, जो कांग्रेस पार्टी की सत्ता की लालसा से प्रेरित था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाएगी ताकि युवा पीढ़ी को भारतीय लोकतंत्र के इस काले दौर के बारे में पता चल सके। शाह ने जोर देकर कहा कि आपातकाल ने देश के लोगों को बहुत दुख पहुंचाया। उन्होंने कांग्रेस पर लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला करने, प्रेस को दबाने और राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपातकाल के दौरान पीड़ित लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें इसे संविधान पर हमला बताया गया। प्रस्ताव में भारत की लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।
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