बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) कृषि नवाचार के मामले में सबसे आगे है। इसका परीक्षण और प्रमाणन प्रयोगशाला वर्तमान में अपने फल अनुसंधान प्रयोगशाला में आम की 225 से अधिक किस्मों पर शोध कर रही है। छात्र और शोधकर्ता प्रत्येक आम का सावधानीपूर्वक विश्लेषण कर रहे हैं ताकि इसकी चीनी की मात्रा निर्धारित की जा सके। लक्ष्य कम चीनी स्तर वाले आमों को क्रॉस-ब्रीड करना है ताकि एक नई किस्म बनाई जा सके जिसका मधुमेह रोगी सुरक्षित रूप से आनंद ले सकें। मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति, संजय कुमार ने हाल ही में बीएयू में एक आम प्रदर्शनी के दौरान इस शोध की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसके बाद बीएयू के कुलपति, डॉ. डी.आर. सिंह ने त्वरित कार्रवाई की।
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