संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के दूत, डैनी डैनन ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों को ‘मानवता के लिए सबसे बड़े अस्तित्वगत खतरे’ को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में यह बात कही। डैनन ने अमेरिका के नेतृत्व वाले ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का बचाव करते हुए कहा, ‘अमेरिका ने मानवता के लिए सबसे बड़े अस्तित्वगत खतरे को खत्म कर दिया है।’ उन्होंने उन देशों पर सवाल उठाया जिन्होंने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की, यह पूछते हुए कि जब ईरान ने यूरेनियम का संवर्धन किया और इज़राइल को नष्ट करने की साजिश रची तो वे चुप क्यों रहे। डैनन ने आरोप लगाया कि ईरान ने परमाणु वार्ता का इस्तेमाल अपनी मिसाइल और यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीति के रूप में किया। उन्होंने चेतावनी दी कि परमाणु हथियारों से लैस ईरान के वैश्विक परिणाम विनाशकारी होंगे। ये टिप्पणियां फ़ोर्डो, नटंज़ और इस्फहान में स्थित ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के बाद क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष के बीच आईं। इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि लगभग 20 इज़राइली वायु सेना (आईएएफ) लड़ाकू विमानों ने ईरान में हमदान और तेहरान के आसपास के ठिकानों पर खुफिया जानकारी-आधारित हमले किए। आईडीएफ ने कहा कि हमलों का लक्ष्य मिसाइल भंडारण और लॉन्चिंग बुनियादी ढांचा, हवाई खुफिया जानकारी के लिए उपयोग किए जाने वाले रडार और उपग्रह प्रणाली और तेहरान के पास एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लॉन्चर थे। आईडीएफ ने कहा कि ये हमले ईरानी शासन की सैन्य क्षमताओं को कम करने और इज़राइली नागरिकों की सुरक्षा के लिए हवाई श्रेष्ठता सुनिश्चित करने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा थे।
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