कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में एक नया जाति सर्वेक्षण कराने की घोषणा की है। यह फैसला दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ हुई बातचीत के बाद लिया गया, जिसमें जाति जनगणना के आंकड़ों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस सर्वेक्षण को 90 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है, जिसका उद्देश्य विभिन्न संगठनों और धार्मिक नेताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करना है। यह घोषणा 2015-16 में आयोजित पिछली गणना के बाद आई है, जिसमें अद्यतन डेटा की आवश्यकता को स्वीकार किया गया है। चर्चा में हाल ही में बेंगलुरु में हुई भगदड़ का भी मुद्दा उठा, जिसमें सीएम ने नेतृत्व को की गई कार्रवाई, जांच और निलंबन सहित, के बारे में जानकारी दी। सिद्धारमैया ने दुखद घटनाओं का राजनीतिकरण करने से बचने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, और इस संदर्भ में पहले हुई कुंभ मेला की घटना का उदाहरण दिया।
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