शासन की योजनाओं का लाभ लेकर लखेश्वर बना आत्मनिर्भर

अबूझमाड का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला कुरूषनार के कृषक अब शासन की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे हैं और अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाकर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। कुरूषनार के ऐसे ही कृषक श्री लखेश्वर पिता सनकेर जो पूर्व में अपनी पूर्वजों की सवा एकड़ भूमि पर परम्पारिक तरीके से खेती-किसानी का काम करते थे। उनकी मेहनत और लगन को देखकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ लेकर खेती-किसानी करने की सलाह दी। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह पर कृषक लखेवर ने अपनी सहमति देकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य प्रारंभ किया।
    उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री मोहन साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषक लखेश्वर के खेत में शासन की मनरेगा येाजनान्तर्गत भूमि समतलीकरण का कार्य किया गया है। समतलीकरण पश्चात उद्यान विभाग द्वारा उसके खेत में ड्रिप, शेडनेट हाउस आदि का लाभ दिया गया है। जिसमें उच्चगुणवत्ता वाले बीज उत्पादन हेतु कृषक लखेश्वर से अनुबंध किया गया है। कृषक श्री लखेश्वर ने बताया कि उसे इस वर्ष लौकी की खेती करने से उसे 1 लाख 60 हजार प्रति एकड लाभ प्राप्त हुआ है। वर्तमान में उसने अपने खेत में करेला की फसल लगायी है, जिससे दो से ढाई लाख रूपये प्राप्त होने की उम्मीद है। सब्जी की खेती से कृषक की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। जिससे आसपास के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने की प्रेरणा मिलेगी और उनके जीवन स्तर में बदलाव आयेगा।