रासायनिक खाद-दवा के बढ़े दाम ने तोड़ी कमर, किसानों की चिंता बरकरार, नहीं मिली राहत- मंत्री रविंद्र चौबे

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि रासायनिक खाद और दवा के बढ़े दाम ने किसानों की कमर तोड़ दी है. केवल छत्तीसगढ़ में ही किसानों की जेब में 300 करोड़ का डाका होगा. हालांकि केंद्र सरकार ने दाम कम करने की घोषणा की थी, लेकिन जो अभी लागू नहीं हुई है. इससे किसानों की चिंता अभी भी बरकरार है. उनको किसी तरह की राहत नहीं मिली है.

कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि खाद के बढ़े दाम को कम करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था. उद्योगपतियों के हित में केंद्र सरकार के फ़ैसले ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है. जिन खाद्य दवा के 30 प्रतिशत तक मूल्य वृद्धि हुई है, उसका मूल्य अभी तक कम नहीं हुआ है. खाद्य क़ीमतों की मूल्यवृद्धि से प्रति एकड़ 1500- 2 हज़ार रुपए अतिरिक्त लागत बढ़ गया है.

रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो किसानों की हालत है उसको देखते हुए मैंने चिंता व्यक्त की थी. महंगाई को लेकर पूरे हिंदुस्तान का किसान परेशान है. डीज़ल में जो प्रति लीटर 30 रुपए की वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है

एक एकड़ में खेती किसानी करने में लगभग 45-50 लीटर डीज़ल लगता है. एक लीटर में अगर 30 रुपए की वृद्धि हुई तो एकड़ पीछे 15, सौ रुपए की वृद्धि किया गया है.

जहां तक फर्टिलाइजर का सवाल है जब हल्ला हुआ था तब उद्योगपतियों को पैसा दे दिया. 15 हज़ार करोड़ जो 1200-19 सौ रुपए किया गया था. उसे कम करने का निर्देश दिया गया है लेकिन पोटास, यूरिया, सिंगल फॉस्फेट, एनपीके, ग्रोमो और मिश्रित खाद जैसे अन्य खाद्य एवं दवा फर्टिलाइजर में 30 प्रतिशत तक की जो वृद्धि हुई है उसको कम नहीं किया गया है. केवल छत्तीसगढ़ में ही किसानों की जेब में 300 करोड़ का डाका होगा. ये पैसा किसान कहां से लाएंगे महंगाई से किसान त्रस्त है, प्रधानमंत्री मोदी जी को समझना चाहिए.