नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासियों के खिलाफ दर्ज 718 प्रकरणों की वापसी, 944 को मिला लाभ
छत्तीसगढ़ के नक्सल पीडि़त क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों पर दर्ज मुकदमों की समीक्षा के बाद 31 मई तक कुल 718 प्रकरणों को विभिन्न न्यायालयों द्वारा दोषमुक्त और प्रकरण वापसी उपरांत कुल 944 आरोपियों को अब तक लाभान्वित किया जा चुका है। बता दें कि सुरक्षा,विश्वास और विकास की नीति पर अमल करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्दाेष आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी आदिवासियों के खिलाफ दर्ज नक्सल मामलों की छानबीन कर निर्दाेष आदिवासियों को राहत देने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय के माध्यम से आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए जस्टिस पटनायक कमेटी के समक्ष प्रकरण विचार के लिए पेश किए गए थे। इनमें से समिति ने 627 प्रकरणों की वापसी के लिए अनुशंसा की है। पटनायक समिति की अनुशंसा के आधार न्यायालय से 594 प्रकरण वापस लिये जा चुके हैं,जिनमें 726 व्यक्तियों को लाभ प्राप्त हुआ है। वर्तमान में सिर्फ 33 प्रकरण न्यायालय से वापसी के लिए लंबित हैं। इसी तरह पुलिस विभाग ने 365 नक्सल प्रकरणों को न्यायालयों में स्पीडी ट्रायल के लिए चिन्हित किया। इसमें न्यायालय ने 124 प्रकरणों को दोषमुक्त करते हुए 218 लोगों को लाभान्वित किया है। इसमें दंतेवाड़ा जिले के 24 प्रकरणों में 36 लोगों को, बीजापुर जिले में 44 प्रकरणों में 47 लोगों को, नारायणपुर जिले में 7 प्रकरणों में 9 लोगों को और कोण्डागांव जिले में 3 प्रकरणों में 9 आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है। इसी तरह कांकेर जिले में 1 प्रकरण में 6 लोगों को, सुकमा जिले में 44 प्रकरणों में 109 लोगों को और राजनांदगांव जिले में 1 प्रकरण में 2 आरोपियों को दोषमुक्त किया गया है।